शेर शाह सूरी का मकबरा
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Shershah Suri Tomb – शेरशाह सूरी का मकबरा

Shershah Suri Tomb : शेरशाह सूरी का मकबरा भारत के बिहार राज्य के सासाराम शहर में    स्थित है। मकबरा बिहार के प्राचीन काल के नामचीन सम्राट में से एक  शेरशाह सूरी की याद में बनाया गया था | शेरशाह वीर,चतुर,बुद्धिमान,कुत्नीतीज़ व्यक्ति थे, जिन्होंने 17 मई 1540 को मुगल साम्राज्य के  हुमायूँ की सेना को बुरी तरह परस्त कर उत्तरी भारत में सूरी सल्तनत की स्थापना की थी।शेर शाह सूरी का जन्म १४८० में हुआ था उनका बचपन का नाम ‘फरीद’था,उस समय में  हिन्दोस्तान के अधिकांश   हिस्से पर लोदी वंश के सुल्तान बहलोल लोदी का सासन चलता था. वहीं, भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाला उज्बेक शासक बाबर समरकंद को जीतने के लगातार प्रयास कर रहा था|

Shershah Suri Tomb
सासाराम स्तिथ शेरशाह सूरी का मकबरा

फरीद(शेरशाह) के बड़े होने पर मिली थी शेर खां की उपाधि उस समय मुगलों का दबदबा पुरे भारत में हुआ करता था|इसी समय काल में  शेरशाह सूरी का जन्म हुआ| शेरशाह सूरी के दादा उस समय अफगानिस्तान के नारनौल के जमींदार हुआ करते थे, वह कुछ समय बाद  भारत के बिहार में आकर बस गए. बिहार के सूबेदारों के कुछ दिन काम किया और जल्द ही उनके वफादार बन गए. उनके कार्य को देख सूबेदारों द्वारा उन्हें कुछ जागीरें भी प्राप्त हुई|

इंद्रपुरी बांध-Indrapuri Dam

भारत के दूसरे ताजमहल के नाम से  प्रसिद्ध है शेरशाह सूरी का मकबरा – Sher Shah Suri tomb is famous as the second Taj Mahal of India

शेरशाह सूरी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।यहाँ साफ सफाई और रखरखाव का अधिक ध्यान रखा जाता है,इसकी रख रखाव की फंडिंग सरकार द्वारा की जाती है,मकबरे के अन्दर जाने का प्रवेश शुल्क 20 रूपया प्रति व्यक्ति है, अधिकांश पर्यटक अक्टूबर, नवंबर और फरवरी के ठंडे महीनों में आते हैं। परिसर के पास प्रदूषण फैलाने की अनुमति नहीं है और,मकबरा सासाराम सहर के बीचो बिच बसा है|मकबरा  09:00 से 19:00 बजे तक खुला रहता  हैं,किसी भी त्यौहार और स्पेशल मौके पर आधिक भीड़ लगता है,यहाँ आसपास के लोकल लोगो की मने तो यह मकबरा किसी ताजमहल से कम नहीं है|अन्य राज्य और विदेश के गणमान्य व्यक्ति  भी अक्सर बिहार  की यात्राओं पर शेर शाह  देखने आते हैं।बिहार के रोहतास जिले में घुमने वाला इक से इक आकर्षित जगह है,उसमे से एक है यह मकबरा

शेरशाह सूरी (१४७२ -१५३५ ) image source-सोशल मीडिया

कब और कैसे बना शेरशाह सूरी मकबरा – When And How Shershah Suri Tomb Was Built

यह मकबरा साल 1540 और 1545 के  बीच बनाया में बनाया गया था,मकबरा भारत के इस्लामिक वास्तुकला का एक उदाहरण है,इसका डिजाईन मीर मुहम्मद अलीवाल खान द्वारा किया गया था,यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना हैजिसकी उच्चाई लगभग 122 फिट उच्ची है,मकबरा एक झील के बीचो बिच स्थिथ है,लोग इसे भारत के दूसरे ताजमहल के रूप में जाना जाता है,क्युकि यहाँ मकबरा की बनावट और खूबसूरती दोनों ताजमहल से कम नहीं है,लोग इसे पानी रोजा के भी नाम से भी जानते है,इस मकबरे के प्रत्येक कोने पर एक अलग प्रकार की डिजाईन पत्थर  है जो की अपने तरह की डिजाईन से मिलती है और नाल के सभी किनारों पर घाट हैं, मुख्य मकबरे को अष्टकोणीय योजना पर बनाया गया है, जो एक गुंबद द्वारा सबसे ऊपर है, 22 मीटर की दूरी पर और सजावटी गुंबदों से घिरा हुआ है जो कभी रंगीन चमकता हुआ टाइल के काम में शामिल थे। मकबरे के चारों ओर की झील की खूबसूरती ही  मकबरे को एक अलग पहचान देती है,इसका निर्माण शेर शाह के जीवनकाल में हुआ था,उस समय उनके पुत्र इस्लाम शाह सासन करते थे |

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मकबरे के अन्दर स्तिथ शेरशाह और उसके परिवार के कब्र

शेरशाह सूरी मकबरा कैसे पहुचे – How To Reach Shershah Suri Tomb

ट्रांसपोर्ट से कैसे पहुचे शेरशाह मकबरा 

मकबरे के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है सासाराम  स्टेशन जो कि मुगल सराय-गया रेल मार्ग पर स्थित है,शेरशाह सूरी रेलवे स्टेशन से लगभग दो  किलोमीटर की दूरी पर है,स्टेशन से मकबरे की ऑटो-रिक्सा आसानी से मिल जाएगी 

ट्रांसपोर्ट से कैसे पहुचे शेरशाह मकबरा 

सासाराम शहर से कुछ दूर से ही  नेशनल हाईवे 2(NH-2C) जाती है,हाईवे से 3 से 4 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है मकबरा|उत्तर प्रदेश और बिहार के किसी भी शहर से आपको सासाराम के लिए ट्रांसपोर्ट  सर्विस मिल जाएगी।

सासाराम घुमने के बाद ट्विटर के माध्यम से क्या कहते है लोग – What do people say via twitter after traveling Shershah Suri Tomb Sasaram


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