Indrapuri Dam – इंद्रपुरी बांध
Indrapuri Dam:इंद्रपुरी बांध एक कृत्रिम जलाशय है, जो बिहार के रोहतास के इंद्रपुरी में स्थित है। यह बांध सोन नदी पर बनाया गया है,जिससे कि यहाँ के लोकल किसान को मदद हो सके। यह रोहतास और औरंगाबाद जिले के निवासियों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।सोन नदी में अनेक अनेक प्रकार के मछलिया पाय जाते है, इससे स्थानीय लोगों को मछली पकड़ने के छोटे अवसर प्रदान होता है। बांध का मुख्य उद्देश्य इंद्रपुरी के आसपास छोटे छोटे गावो के निवासियों की पेयजल एवंम खेती आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसके अलावा, इसका उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों और बिजली पैदा करने के लिए भी किया जाता है।
Indrapuri Barrage Rohtas

इंद्रपुरी बराज जिसे हम सब सोन बराज के नाम से भी जानते है। यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक से नर्मदा नदी में बसती है. सोन नदी मध्यप्रदेश से निकल कर सोनभद्र (उत्तरप्रदेश) से होते झारखंड के कोयल नदी से मिल कर इंद्रपुरी के रास्ते गुजरते हुए पटना के समीप जाकर गंगा नदी में मिल जाती है |
Indrapuri Dam Photo

सोन नदी का मानचित्र | Map Of Sone River
इंद्रपुरी बराज के पास में एक गेस्ट हाउस है जिसमें सोन नदी का पूरा मानचित्र बनाकर दर्शाया गया है कि कहां पर कौन सा जगह है और कहां से पानी कहां तक जाता है और इस पानी का उपयोग कहां कहां होता है इस मानचित्र के माध्यम से अच्छे से दर्शाया गया है।

Drone View Of Indrapuri Dam
जमीन स्तर से लगभग 200 फीट ऊपर से ऐसा दिखता है इंद्रपुरी बराज यह तस्वीर शाम के समय में ली गई है इस तस्वीर के माध्यम से आप इस जगह की खूबसूरती को आसानी से देख सकते हैं एक तर

इस नदी का नाम सोन कैसे पड़ा ? How was the river named Son?
जैसा कि हम सब जानते है सोन नदी के रेत(बालू) पाया जाता है,जो कि पीले रंग का होता है,जो की एकदम सोने कि तरह चमकते है. इस नदी का रेत(बालू) भवन निर्माण आदी कार्य के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार ही नही बल्कि उत्तरप्रदेश में भी भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है,ट्रक के माध्यम से बालू की निकासी होती थी,फिलहाल बालू खनन पर बिहार सरकार की रोक है।
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Area of Indrapuri dam– इंद्रपुरी बांध का छेत्रफल
इस बांध की कुल लंबाई 1,407 मीटर (4,616 फीट) लंबा है और यह दुनिया का चौथा सबसे लंबा बैराज(डैम) है।इस बराज के ऊपर एक सड़क का भी निर्माण किया गया है जो,यह सड़क औरंगाबाद जिला होते झारखंड को जोड़ती है। इसका डैम का निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया था, जैसा कि आपको बता दे इसी कंपनी ने दुनिया के सबसे 2,253 मीटर लंबे फरक्का बैराज का निर्माण किया था। बैराज का निर्माण 1960 में हुआ था और इसे 1968 में चालू किया गया था।
Features of Indrapuri Dam – इन्द्रपुरी बराज की विशेषताएँ
लम्बाई | 4613′ |
जलस्य स्तर | 355.00’R.L |
उच्चतम बढ़ स्तर | 363.90′ |
अधिकतम जल निस्तरण | 14.30 |
जल निर्गमंफटाको की संख्या | 60 |
जल निर्गमं फटाको की उच्चाई | 14’6″ |
जल निष्कासन फटाको की संख्या | 09 |
जल निष्कासन फटाको की उच्चाई | 16’6″ |
जल निर्गमं क्रेस्ट का स्तर | 341 R.L |
जल निष्कासन फटाको का निचला स्तर | 367′ |
फटाको पाया के ऊपर के स्तर | 16’6″ |
जलसाय की आसत गहराई |

History Of Indrapuri Dam – इन्द्रपुरी बाँध का इतिहास
इसिहास की माने तो 1949 के एक अनुभवी ब्रिटिश प्रशासक जॉन होल्टन का सोन नदी के ऊपर कुछ ऐसा बोला था,”यह बिहार का सबसे बड़ी नहर प्रणाली है; मुख्य नहरों की संख्या 209 मील, शाखा नहरों की संख्या 149 है। नहरों से आसपास के गांवों में खेती को बहुत फायदा होता है। उन्होंने बांझ भूमि के एक बड़े क्षेत्र को एक समृद्ध उत्पादक क्षेत्र में बदल दिया है।पहले के लोगो का मानना था कि जिस छेत्र से सोन नदी गुजरती है वह छेत्र खेती के लिए अच्छा नही है।

इस बांध को आगे विकसित करने की क्या है योजना?
राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी के राष्ट्रीय नदी जोड़ने परियोजना के अंतर्गत, 149.10 k/m गंगा नदी को सोन नदी से जोड़ने की योजना है। यह नहर यूपी के मिर्जापुर जिले की चुनार तहसील के पास गंगा के दाईं ओर से शुरू होगी और बिहार के इंद्रपुरी बैराज से जुड़ेगी। मार्ग पर तीन स्थानों पर तीन लिफ्ट होगी। लिफ्टों की लंबाई 38.8 मीटर, 16.10 मीटर और 4.4 होगी,लोगो का मानना है कि इस योजना से खेती में बढ़ोतरी होगी,नहर में हर समय पानी होगी अलग अलग प्रकार की खेती कर सकेंगे,फसल हर समय लहलहाते रहेंगे।
इंद्रपुरी डैम जाने का रास्ता
इंद्रपुरी के नजदीकी रेलवे स्टेशन डेहरी ऑन सोन है जो कि मुगल सराय-गया रेल मार्ग पर स्थित है, डेहरी-ऑन-सोन से इंद्रपुरी बांध की दूरी लगभग(12 किमी) है।इंद्रपुरी चौक (डेहरी-याधुनाथपुर) NH2C पथ पर है,रोड से लगभग 1 k/m अन्दर है डैम।डेहरी से इंद्रपुरी आने का केवल एक ही परिवहन साधन है ट्रांसपोर्ट।