सरकार ने दी विद्यार्थियों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी !! अब साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना जरूरी नहीं, जानें पूरी जानकारी
Good News: साल 2024 में दसवीं और बारहवीं के परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी है। बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को कम कम करने के लिए यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि अब छात्र-छात्राओं के लिए साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठना जरूरी नहीं होगा। वे केवल एक बार ही बोर्ड एग्जाम में बैठने का ऑप्शन चुन सकते हैं, जबकि परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा।
एजुकेशन मिनसि्टर ने इस मौके पर कोटा में हो रही आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि ये सब हमारे बच्चे हैं और इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है। ऐसे में इनके ऊपर से स्ट्रेस कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है। बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखना हम सब की जिम्मेदारी है और सभी को बराबरी से इसे उठाना होगा।
अब दो बार बोर्ड एग्जाम देना अनिवार्य नहीं होगा
शिक्षा मंत्री ने कहा. “छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार (कक्षा 10 और 12 बोर्ड) परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा और वे दोनों परीक्षा में से जिसमे अच्छा स्कोर आया है उसको चुन सकते है। लेकिन यह पूरी तरह से ऑप्शनल होगा, इसके लिए किसी भी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं होगा। क्योंकि छात्र अक्सर यह सोचकर स्टेप ले लेते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उउनके हाथ से मौका चला गया या वह और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। इसलिए केवल एक मौके के डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए साल में दो बार बोर्ड एग्जाम का ऑप्शन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर किसी छात्र को लगता है कि वह पूरी तरह से परीक्षा के लिए तैयार है और परीक्षा के पहले Mock Test के स्कोर से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल नहीं होने का विकल्प चुन सकते है। ”
दो बार बोर्ड एग्जाम से खुश हैं छात्र
दरअसल, अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो और उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प मिल। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर उन्हें छात्रों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है । नया करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की घोषणा के बाद मैं छात्रों से मिला। उन्होंने इसकी सराहना की है और इस विचार से वो बहुत खुश हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि 2024 से ही साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जा सके ।
10वीं और 12वीं की परीक्षा में हुए कुछ बदलाव
- साल में दो बार आयोजित होंगे 10वीं और 12वीं की परीक्षा, जिस परीक्षा में बेहतर रिजल्ट आएगा उसे सर्टिफिकेट में दर्शाया जाएगा।
- 10वीं और 12वीं में विषय का सेवन केवल स्ट्रीम तक सीमित नहीं रहेगा।
- नए शिक्षकों की बिहार के स्कूलों में बहाली होगी।
- पढ़ने वाले पुस्तकों के लागत पर भी विचार किया जाएगा।
- परीक्षा हॉल में शिक्षकों के देखभाल के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरा से विद्यार्थियों के देखभाल की जाएगी ।